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वरिष्ठ पत्रकार अंजुम खान
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया के पंद्रह दिनों मे प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजे लेकिन अबतक पूरी तरह से ये स्पस्ट नहीं हो पाया है की कौन से राज्यों में कितने प्रवासी. मज़दूर फसे है हलाकि हाल ही मे केंद्रीय श्रम आयुक्त कार्यालय ने केंद्रीय सुचना आयोग के आदेश के बाद देश भर में फसे प्रवासी मज़दूर का आकड़ा जारी किया है लेकिन केंद्रीय श्रम आयुक्त कार्यालय ने ये नहीं बताया है कि ये आकड़ा कब से कब तक का है ये भी संभव है कि इसमें से बहुत से प्रवासी मज़दूर श्रमिक स्पेशल ट्रैन या दूसरे माध्यम से अपने घर पहुंच गए हो फिर भी ये आकड़ा राज्यों मे फसे मज़दूरों की संख्या मे कुछ रौशनी डालता है ये आकड़ा बताता है कि लॉक डाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों मे 26.17 लाख प्रवासी मज़दूर फसे थे छत्तीसगढ़ में फसे मज़दूरों कि संख्या सबसे अधिक थी इस राज्य मे कुल 10, 85, 828 मज़दूर फसे थे इसके बाद केरल 2, 86, 846 फिर तमिलनाडु मे 1, 93, 730 तेलंगाना मे 1, 84, 006 महाराष्ट्र, 1, 81, 909 आंध्र प्रदेश 1, 00, 009 प्रवासी. मज़दूर फसे है केंद्रीय श्रम आयुक्त कार्यलय को ये आकड़ा क्षेत्रीय श्रम आयुक्त कार्यलय द्वारा उपलब्ध कराया गया केंद्रीय श्रम आयुक्त कार्यलय द्वारा जारी आकड़ा ये बताता है कि कितने.मज़दूर राहत शिविर मैं कार्य स्थलों और अन्य स्थानों मे रह रहे थे आकड़ो के मुताबिक 10% प्रवासी मज़दूर राहत शिविर मे 43% कार्य स्थलों और 46% मज़दूरों अन्य स्थानों मे रह रहे थे केरल मे सबसे अधिक 1, 34, 384 मज़दूर राहत शिविर मे रह रहे थे इसके बाद ओड़िसा मे 29, 560 महाराष्ट्र. मे 21, 344 मज़दूर राहत शिविर मे रह रहे थे कॉमन वेल्थ ह्यूमन राइट्स सी एच आर आई के वेंकट नायक सुचना के अधिकार कानून के तहत मुख्य श्रम आयुक्त कार्यलय से राज्यों द्वारा एकत्रित किये गए प्रवासी मज़दूर के बारे मे जानकारी मांगी मई पांच 2020 को कार्यलय के केंद्रीय लोक सुचना अधिकारी ने एक लाइन.मे जवाब दिया कि जानकारी उपलब्ध नहीं है इसके बाद नायक ने केंद्रीय सुचना आयोग का दरवाजा कट कट आया तो 27. मई को केंद्रीय सुचना आयोग ने प्रवासी मज़दूर के उपलब्ध आकड़ो को एक सप्ताह के भीतर वेबसाइट मे अपलोड करने का आदेश दिया
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