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शनिवार, 1 मई 2021

 जकात कपड़े की शकल में दी जा सकती है

लखनऊ (दहकती खबरें - समाचार)। रमजान हेल्पलाइन देश में इस किस्म की पहली हेल्पलाइन है। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के तहत् दारूल निजामिया फरंगी महल में रोजेदारों की दीनी और शरअई रहनुमाई के लिए वर्ष 2002 में रमजान हेल्पलाइन कायम की गयी थी जिसकी मकबूलियत खुदा पाक के करम से आज भी बरकरार है। इस हेल्प लाइन से लोग फोन और म.उंपस के जरिए रोजा, नमाज, जकात और दूसरे सवालात मुल्क और बाहर के मुल्कों से भी करते है। इन सवालात के जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल देता है, लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नम्बरों

 9415023970 9335929670, 9415102947, 7007705774,  9140427677 और पर सवाल पूछ सकते है।

सवालः शबे कद्र में कौन सी इबादत करनी चाहिए?

जवाबः नफल पढ़ी जायें, तिलावत की जाए। बेहतर यह है कि कजा-ए-उमरी (जो नमाज जिन्दगी मंे छूट गयी हो) अदा करें और दुआ माँगे।

सवालः क्या जकात कपड़े इत्यादि की शकल में दी जा सकती है?

जवाबः  जी हाँ! दी जा सकती है।

सवालः  सोने और चाँदी के जेवर की जकात किस रेट से निकाली जाएगी?

जवाबः सोने और चाँदी के जेवर की जकात बाजार में इस जेवर की कीमत के हिसाब से निकाली जाएगी।

सवालः किया सजदा तिलावत में नियत बाँधना जरूरी है?

जवाबः सजदा तिलावत में नियत नही बाँधी जाती है बल्कि सजदा कि नियत से अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जायंे।

सवालः वित्र की तीसरी रकआत में दुआ-ए-कुनूत भूल गया तो किया करे?

जवाबः सजदा सहव कर ले, नमाज हो जायेगी।

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